साथ ना छोड़ना कभी चाहे कितनी भी पथरीली हो डगर। साथ ना छोड़ना कभी चाहे कितनी भी पथरीली हो डगर।
किसी ने भी क्या खूब कहा है- "नारी का हर रूप अनोखा है।" किसी ने भी क्या खूब कहा है- "नारी का हर रूप अनोखा है।"
तब यह प्यार अपने चरम पर पहुंच है जाता तथा होता है एहसास असली प्यार तब यह प्यार अपने चरम पर पहुंच है जाता तथा होता है एहसास असली प्यार
मरणा जीणा देखलो, इक दूजे के संग। मरणा जीणा देखलो, इक दूजे के संग।
एक पेड़, अपने आप में जंगल हो सकता है जाने कितने पंछियों को घर गिलहरियों को कोटर एक पेड़, अपने आप में जंगल हो सकता है जाने कितने पंछियों को घर गिलहरियों...
मैं सुलभा, सुचेतना, प्रकृति मेरा अंदाज़ भी। ... मैं सुलभा, सुचेतना, प्रकृति मेरा अंदाज़ भी। ...